हसना चाहती हूँ मै ;
दिल खोल कर ,
उड़ना चाहती हूँ ,
मै बेलगाम होकर,
इन हवावों में पंक्षियों कि तरह ,
अपनी हर एक शरारत से चिढ़ाना चाहती हूँ मै सबको ,
पागलपंती कि हदें लांगकर ,
दौड़कर ज़िन्दगी जी लेने को मेरा मन चाहता है ,
दिल के हर तार को आवाज देकर एक नयी धुन छेड़ना चाहती हूँ मैं ,
बेवजह मोहब्बत करने वाला मिले तो सही दिल उसी के नाम कर देना चाहती हूँ मै ,
खामोश रहकर भी जो सबकुछ बयां कर दे ,
उसी कि आँखों से बाते करना चाहती हूँ मै ,
बस उसके दिल के इसी अहसास को अपनी मासूमियत से महसूस करते हुए ,
उसकी बाँहों में महफूज़ ज़िन्दगी जीना चाहती हूँ मै। …।
दिल खोल कर ,
उड़ना चाहती हूँ ,
मै बेलगाम होकर,
इन हवावों में पंक्षियों कि तरह ,
अपनी हर एक शरारत से चिढ़ाना चाहती हूँ मै सबको ,
पागलपंती कि हदें लांगकर ,
दौड़कर ज़िन्दगी जी लेने को मेरा मन चाहता है ,
दिल के हर तार को आवाज देकर एक नयी धुन छेड़ना चाहती हूँ मैं ,
बेवजह मोहब्बत करने वाला मिले तो सही दिल उसी के नाम कर देना चाहती हूँ मै ,
खामोश रहकर भी जो सबकुछ बयां कर दे ,
उसी कि आँखों से बाते करना चाहती हूँ मै ,
बस उसके दिल के इसी अहसास को अपनी मासूमियत से महसूस करते हुए ,
उसकी बाँहों में महफूज़ ज़िन्दगी जीना चाहती हूँ मै। …।