दिल लेकर यार दिल दिया जाता है ..... चोरी-चोरी
इतिहास फिल्म का ये गाना
काफी रोमांटिक और प्यारा है , लेकिन इसे सुनते हुए मुझे आजकल भारत में हो रहे
चुनावों में नेताओं द्वारा किये जा रहे वायदे जैसा लगता है और अगर इससे जोडकर देखा जाये तो उसपर ये काफी फिट बैठता है
.. जुमला कुछ इस तरह बन रहा है ,, वोट लेकर यार चोट दिया जाता है .... चोरी चोरी
.... यूँ तो नेताओं के पास वक्त की कमी होती है पर आजकल वो काफी एक्टिव हैं और
सीधे जमीन पर जमीन की तलाश में लगे हुए लोगों को छत देने का वादा तो खुद बंगलो
पाने की हसरत है उनके दिमाग में .. जनता को सस्ते से सस्ता खाना देने के वादे भी
अपने तोंद को फूलाने की खातिर किये जा रहे हैं .. कुछ तो इन सब बातों को दूर रखे
हुए हैं ,उन्हें धर्म और जाति को लेकर
चलने की आदत है भोली प्रेमिका रुपी जनता अपने प्यारे प्रेमी को अपनी हसरतों भरी
उम्मीद से वोट देने का फैसला कर रही होती है ... क्यूंकि उसे तो प्यार चाहिए लेकिन
निष्ठुर प्रेमी की तरह हमारे नेता सिर्फ बेवफाई के सिवा आज तक जीतने के बाद इनकी
तरफ पलट कर नही देखते ... चोरी – चोरी ... विकास के खोखले दावे की दुहाही सिर्फ एक
गोली है जो वोटर रुपी प्रेमिका को थमा दिया जाता है ,,इनके विकास के काम सिर्फ और
सिर्फ कागजों पर ही होते हैं... पर पेट की मारी जनता को वोट तो किसी को करना ही है
और अपना प्रेमी चुनना है ... गाने की आखिरी लाइन में प्रेमी रुपी उम्मीदवार अपनी
कसम खाकर कहता है की एक पल भी हम आपसे दूर नही रहेंगे और कोई भी दुःख दर्द होता है
तो मिलकर सहेगे.. भोली मतदाता रुपी प्रेमिका इसे सपने की तरह अपने पलकों में सजा
लेने की बात करती है और अपना वोट अपने प्रेमी को सौंप देती है .. लेकिन सच्चाई तो ये
है की ज्यादातर प्रेमी बेवफा और मतलबी निकलते हैं ... उन्हें सिर्फ वोट से मतलब
होता है जो अब मिल चूका होता है भाड़ में जाये जनता पांच साल तक तो हनीमून पीरियड
वाला रिचार्ज तो वो करा ही लिए.. कुल मिलाकर अब वोटर को होशियार होना पढ़ेगा उसे
नामधारी उम्मीदवार से नही कामधारी उम्मीदवार को वोट करना चाहिए .. धर्म और जाति से
आगे बढ़ना चाहिए और विकास , सुशासन और भ्रस्ताचार से मुक्ति दिलाने वाले उम्मीदवार
को वोट देना चाहिए ....
नही तो बाकी तो गाना ये हित
ही था और फार्मूला वोट पाने वाला भी हिट है ... शायद यही वो वक्त है जो हमे खुद के
लिए सही नेता चुनने का मौका देता है और गर्मी के इस मौसम में लोहा गर्म है बस
हथौड़े की चोट पूरे दम से पढना चाहिए ... आखिरी
में एक निवेदन पूरी बात समझने के लिए गाना जरूर सुने क्यूंकि मैंने सुनते हुए लिखा
है .... चोरी – चोरी ....