भारत के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी .....
जैसा कि १६ मई को १६वीं
लोकसभा का परिणाम आ चुका है और देश कि जनता ने अपना नेता भी चुन लिया है और वो
नेता हैं गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी . जो अब देश की कमान संभालेगे
. भारी संख्या में लोकमत जुटाकर उन्हें
सत्ता हासिल हुई . पिछले ३० वर्ष का रिकॉर्ड तोड़कर उन्होंने पूर्ण बहुमत हासिल किया
है. जो अबतक किसी गैर कांग्रेस पार्टी की सबसे बड़ी जीत है . यूँ तो बीजेपी में
दिग्गज और वरिष्ठ नेताओं की फ़ौज है , लेकिन इस समय बीजेपी में मोदी जैसा कद किसी
भी नेता का नही है . विपक्ष और मीडिया द्वारा उन्हें बार बार गुजरात दंगों की वजह से निशाने पर रखता
रहा है. पर वो असहज तो हुए परन्तु उन्होंने धैर्य बनाये
रखा .सुप्रीम कोर्ट से मिले क्लीन चिट और सीबीआई द्वारा उनके के खिलाफ कोई सुबूत न
मिलने की वजह से वो कुछ हद तक इस दंगे से अपना पीछा छुड़ा पाने में कामयाब रहे.
माना जाता है इस चुनाव में प्रत्याशी कम मोदी ज्यादा लोकप्रिय थे और जनता ने मोदी
को वोट दिया है . मोदी लहर पूरे देश में थी और मोदी ने रिकॉर्ड रैली करके इस लहर
को भुना भी लिया है और अब जब वो देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले हैं
, जो काफी भव्य और ऐतिहासिक होने वाला है . सार्क देशों के राष्ट्र अध्यक्ष उनके
शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेंगे . थोड़ी न नुकुर के बाद इस समारोह में पाकिस्तान के
प्रधानमन्त्री भी शरीक होंगे जो मोदी द्वारा फेंका गया पकिस्तान की तरफ पहला पत्ता है . मोदी ने गुजरात का विकास किया
है इसका लोहा दुनिया और देश भी मानता है
और इस चुनाव में मोदी को ज्यादा वोट विकास के मुद्दे की वजह से मिले हैं . युवा
,गरीब और महिलाओं को बड़ी उम्मीदे हैं मोदी सरकार से और मुद्दे सबसे जरूरी हैं
जिन्हें मोदी को पूरा करना है . दिल्ली सल्तनत और गुजरात सल्तनत में बड़ा अंतर है .
यहाँ पूरे देश की आशा भरी निगाहें आपकी तरफ देख रही होती हैं .जिन्हें पूरा करने
के लिए मोदी को जैसी कथनी वैसी करनी भी रखनी
होगी . पूरे देश को बड़ी उम्मीद है
मोदी से और इसलिए इतनी भारी मात्रा में उन्हें जनमत भी मिला है . शिक्षा ,
बेरोजगारी , स्वास्थ और गरीबी देश की विकट समस्याओं में से कुछ हैं जिन्हें मोदी
को हरहाल में पूरा करना है . जो उनका स्लोगन था अबकी बार मोदी सरकार उसको
उन्हें साकार करने का जिम्मा जनता ने उन्हें सौंप दिया है . जैसा सपोर्ट और जैसा
माहौल उन्हें चाहिए था वो उन्हें बखूबी मिल गया न तो मजबूत विपक्ष है और न ही
सरकार गिरने का डर. तो ये दोनों चीजे उन्हें कभी परेशां नही करेंगी . बस अब उन्हें
अच्छे दिन लाने हैं . पूरा देश मानता है की नरेन्द्र मोदी एक कुशल राजनेता हैं ,शायद
इसीलिए उन्होंने मंत्रालय की संख्या भी कम कर दी है . जहाँ लोग मनमोहन सिंह को कमजोर
और लाचार प्रधानमंत्री मानते थे तो वहीं मोदी को मजबूत और फैसले लेना वाला माना
जाता है. अपने मुख्यमंत्रित्व काल में वो चीन के कई दौरे कर चुके हैं और ये भी
माना जाता है की वो चीन से काफी प्रेरित हैं ..तो अब समय आ गया है , देश भी तैयार
है. अबकी बार मोदी सरकार ......