Sunday, December 15, 2013

वो खूब चिल्लाई गिड़गिड़ाई ,
भीड़ थी मगर किसी को न दी सुनाई,
दरिंदो कि दरिंदगी ने नया कीर्तिमान बनाया ,
जो होती थी गाली उसे करके दिखाया ,
क्यूंकि वो बेटी थी ,
रात में निकली थी ,
उसे छुप के रहना चाहिए था ,
कुछ लोगो का तो ये भी तर्क था ,
बाद में लोगो ने इसे खुद पर समझा ,
माँ बेटियों ने मिलकर हल्ला मचाया।,
तो देश ही नही पूरी दुनिया में ,
ये आवाज दी सुनायी ,
हम वीरांगनाएं नही सहेंगे जुल्म तेरा ,
जरूरत पढ़ी तो बदलेंगे चोला।
देश कि बेटियों और निर्भया को समर्पित , आशा है ऐसी घटना अब न हो।

Friday, December 13, 2013

दो नयनो कि आपसदारी

दो नयनो कि आपसदारी ,
कुछ लोगों ने दीन्ह बिगारी ,
कोई बोले नीर यहाँ था ,
कोई बोले पीर यहाँ था,
इतने में हो गयी लातमारी ,
दो नयनो कि आपसदारी।
होत भोर जब बांग वो सुनते,
संध्या वंदन जब वो करते ,
चंदा संग भरते किलकारी ,
दो नयनो कि आपसदारी।
रंग कुर्ते में भेद न करते ,
मन ही मन में खूब उछलते ,
एक दूजे के बने हितकारी ,
दो नयनो कि आपसदारी।
शादी , उत्सव इन बिन सूना ,
विष्फोटक केर दें ये दूना ,
फिर क्यूँ फैली ये चिंगारी,
दो नयनो कि आपसदारी।
गावों में तो बनी बनी है ,
शहरो में तो गंध मची है ,
पढ़े लिखे हैं बने वैभिचारी ,
दो नयनो कि आपसदारी।
अपना छोटा सा अभियान ,
सब ईशो को दें सम्मान ,
बन बैठो अपने अधिकारी ,
दो नयनो कि आपसदारी।