वो सब जानते हुए भी भोले बने रहते हैं , उन्हें अपने से जैसे कोई मतलब ही नही है , उन्हें आम जीवन पसंद है , वो दिल से जवां हैं जबकि उनके दाढ़ी के कुछ बाल पके हैं . जी हाँ हम बात कर रहे हैं लखनऊ यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता विभाग के डॉ श्री मुकुल श्रीवास्तव सर की।
मेरे अकेडमिक सफ़र के सबसे अलग मास्टर जो वो सब करने को बोलते जो सब मना करते थे उनके मुताबिक आप टी . वी . सिनेमा फेसबुक और अख़बार पर जितना हो सके समय दे। पहले अटपटा बाद में मजा आने लगा। सवाल वो नही पूछते बल्कि सवाल करने की आज़ादी देते हैं और न पूछने पर बोर फील करते।
क्लास के हर एक स्टूडेंट पर उनकी पैनी निगाह तो रहती ही है साथ ही साथ उनका गजब का ऑब्जरवेशन जिनसे शायद ही किसी के बारे न जान गये हो और उनके एक्साम्प्ले क्लास की ही कहानी कहते है। बीच -२ में उनकी एक्टिंग , शायरी ,किसी फिल्म के गीत और dilouge उनकी बातो को पूरा करते हैं ज़िन्दगी से वो किसी भी बात को कनेक्ट करने का अद्भुत गुण है उनके पास जो किसी भी टॉपिक को जोड़ने का बढ़िया नजरिया है।
वो अपने को कभी क्लास में अज़ ए मास्टर नही पेश करते हैं और वो हर एक बात को सुन सकते हैं उनका दोस्ताना व्यहार बहुत ही कम्फर्ट कर देता हम सबको जिससे हमारी सोच में काफी बदलाव आया। उनकी कोई भी क्लास आजतक बोर नही कराती बढे ही रसिया मास्टर हैं वो अपने आप में जो ज्ञान नही देता है। कभी भी क्लास में वो चेयर पर नही बैठे एक डस्टर जो वो अपने साथ हमेशा रखते हैं . किसी भी चीज को लेकर उनके अंदर न तो उत्साह और न ही कोई चिंता पर हमेशा उनके दिमाग में कुछ न कुछ चलता रहता है . खुद को इन्टरनेट का लती मानते हैं . और सपने भी उलूल जुलूल देखने की बात करते भगवान् से हमेशा एंटी रहने की बात करते रहते हैं . क्लास में अपनी भी क्लास लगाया करते हैं नाराजगी का भाव कभी दिखा ही नही उनके चेहरे पर जो उनके व्यक्तित्व को और स्पेशल बनता है। उनके द्वारा गये आर्टिकल यूथ के साथ-२ हर वर्ग को रिप्रेजेंट करते हैं उनके अर्तिक्लेकी खास बात ये रहती है की फैक्ट और फिगर बढा ही जबरदस्त होता है।
इतना नाम और सम्मान होने के बावजूद उनकी जो खुद की छवि एक आम इंसान की तरह ही है न उन्हें दिखावा पसंद है और न ही उनमे कोई रौब दिखता है। अमिताभ से मिलने की तमन्ना है और उन्ही को वो अपना favourite एक्टर मानते हैं . यही है हमारे सर की कहानी ............
मेरे अकेडमिक सफ़र के सबसे अलग मास्टर जो वो सब करने को बोलते जो सब मना करते थे उनके मुताबिक आप टी . वी . सिनेमा फेसबुक और अख़बार पर जितना हो सके समय दे। पहले अटपटा बाद में मजा आने लगा। सवाल वो नही पूछते बल्कि सवाल करने की आज़ादी देते हैं और न पूछने पर बोर फील करते।
क्लास के हर एक स्टूडेंट पर उनकी पैनी निगाह तो रहती ही है साथ ही साथ उनका गजब का ऑब्जरवेशन जिनसे शायद ही किसी के बारे न जान गये हो और उनके एक्साम्प्ले क्लास की ही कहानी कहते है। बीच -२ में उनकी एक्टिंग , शायरी ,किसी फिल्म के गीत और dilouge उनकी बातो को पूरा करते हैं ज़िन्दगी से वो किसी भी बात को कनेक्ट करने का अद्भुत गुण है उनके पास जो किसी भी टॉपिक को जोड़ने का बढ़िया नजरिया है।
वो अपने को कभी क्लास में अज़ ए मास्टर नही पेश करते हैं और वो हर एक बात को सुन सकते हैं उनका दोस्ताना व्यहार बहुत ही कम्फर्ट कर देता हम सबको जिससे हमारी सोच में काफी बदलाव आया। उनकी कोई भी क्लास आजतक बोर नही कराती बढे ही रसिया मास्टर हैं वो अपने आप में जो ज्ञान नही देता है। कभी भी क्लास में वो चेयर पर नही बैठे एक डस्टर जो वो अपने साथ हमेशा रखते हैं . किसी भी चीज को लेकर उनके अंदर न तो उत्साह और न ही कोई चिंता पर हमेशा उनके दिमाग में कुछ न कुछ चलता रहता है . खुद को इन्टरनेट का लती मानते हैं . और सपने भी उलूल जुलूल देखने की बात करते भगवान् से हमेशा एंटी रहने की बात करते रहते हैं . क्लास में अपनी भी क्लास लगाया करते हैं नाराजगी का भाव कभी दिखा ही नही उनके चेहरे पर जो उनके व्यक्तित्व को और स्पेशल बनता है। उनके द्वारा गये आर्टिकल यूथ के साथ-२ हर वर्ग को रिप्रेजेंट करते हैं उनके अर्तिक्लेकी खास बात ये रहती है की फैक्ट और फिगर बढा ही जबरदस्त होता है।
इतना नाम और सम्मान होने के बावजूद उनकी जो खुद की छवि एक आम इंसान की तरह ही है न उन्हें दिखावा पसंद है और न ही उनमे कोई रौब दिखता है। अमिताभ से मिलने की तमन्ना है और उन्ही को वो अपना favourite एक्टर मानते हैं . यही है हमारे सर की कहानी ............