Monday, November 9, 2015

बिहार की हार बिहारी की जीत : बिजली दें तब न लाइक करेंगे स्टेटसवा को (बिहार चुनाव परिणाम )

सब कोई बिहार पर बोल रहा है, हमसे भी नहीं रहा जा रहा है. तो हम भी बोल रहा है, चारा घोटाले वाले लालू और सुशासन बाबू नीतीश कुमार ने कांग्रेस को जोड़कर महागंठबंधन बनाकर बिहार से प्रधान सेवक को खदेड़ दिया है. अब बात आती है ई सब कैसे संभव हुआ की साल भर पहले जिस मोदी ने बिहार की जनता का दिल जीतकर लालू और नीतीश को केंद्र की राजनीति से दूर कर दिया था. वह ऐसे बैरंग होकर विधान सभा चुनाव से लौटे. मैंने अभी कुछ दिन पहले अनुमान लगाया था कि बिहार में एनडीए आराम से अपने काम भर का सीट जीत कर खुद को सेट कर लेगी. लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. असल में बिहार बड़े जिद्दी टाइप के लोग हैं. जो मोहब्बत के लिए पहाड़ काट डालते हैं. लेकिन जब नफरत का रथ निकलता है, तो उसे भी बिहारी लालू ही रोंकते हैं. तो बिहार में देश के कई अनोखे लोग और घटनाएँ देखी या सुनी जाती हैं. जो वास्तव में देश के अन्य राज्यों के मुकाबले बेहद ही अनूठी हैं. हम बिहारी नहीं और न ही हमने वोट किया है. लेकिन मैं बिहार के कई ऐसे लोगों को जानता हूं जो इस देश की राजनीतिक दशा और दिशा समय-समय पर बदलते हैं आये हैं. आप जब पिछला चुनाव जीते थे लोकसभा वाला तो क्या बोले थे. वह कला धन एक झटके से देश कि जनता के खाते में 15-15 लाख जनधन वाले खाते में डलवा देंगे. लेकिन बाद में जब जीत गये तो आप खांखने लगे. आप वही बात कहने लगे जो कांग्रेस कहती आयी है. मैं कहता हूं कि चलो माना कि कानूनी अड़चने आ रही हैं. तो फिर आप मुख्य विपक्षी दल थे तो आप को ये नहीं पता था कि जो बोल रहे हैं वह कर पाएंगे कि मौके पर वोट ही लेना था. ये आपका फ्राड नम्बर एक है. दूसरा महंगाई कांग्रेस बड़ा रही थी. किसका दाम बढ़ता था प्याज और टमाटर का अपने उसमें घटाया क्या साथ दाल का डबल डोज देकर हमें सब्जी चावल खाने पर मजबूर कर दिया. तीसरा और सबसे अहम बात आपने किसानों के लिए क्या किया? आत्महत्या का पूरे देश में दौर चल रहा है और आपको विदेशी दौरों से फुर्सत ही नहीं है. मुझे तो ये लगता है जितनी बार आप ओबामा से मिले हैं उतनी बार शायद ही आप देश के किसानों से मिल पायें हों. बाकी देश के गांव आज भी एक अदद बुनियादी सुबिधाओं जैसे स्कूल, पानी, शौचालय, रोड और जनउपयोगी मूलभूत सुविधाओं से दूर है. रही बात आपके डिजिटल भारत के सपने की तो पहले लाइट नेटवर्क देंगे तभी न हम आपके  फेसबुक स्टेटस को लाइक कर पाएंगे.
अंतिम और आपके हार की वजह उलूल-जुलूल बोलने वाले सांसद जो आपके लहर और नाम से अपना सीट जीत लिए उनके बोल ऐसे रहे जो आपको प्रधानमंत्री नहीं प्रधान मोदी बना डाले. वह तो गाय गोरु की बात करने लगे. जैसे गाय दूध नहीं वोट देती हो, और खुद उनका मुंह गोबर जैसे फेंक रहा हो. एक बात और आप अवार्ड वापसी वालों की तरफ ध्यान नहीं दिए वह काबिले तारीफ है. क्योंकि उन्होंने देश का खाया और देश की मिटटी पर मल त्याग दिए. उन्होंने कोई जमीन पर उतरकर काम नहीं किया है. वह सब पैसा चाहते हैं आपसे जो आप नहीं देंगे क्योंकि आप बनियाँ हैं.

तो अंत में मैं आपसे इतना कहना चाहूँगा कि आप आज भी भारत के प्रधानमंत्री बनने के सबसे योग्य दावेदार हैं. रही बात आप इस चुनाव से लोड न लें चाहें तो अमित शाह को योगा ज्वाइन करवा दें. काम करें आप अभी कुछ ऐसा नहीं किये हैं जिससे समाज का सबसे पिछड़ा वर्ग आपके प्रधान सेवक वाली सेवा का अहसास करे. बाकी अपने खच्चर घोड़ों पर लगाम रखें. टाइट करें कि अपने क्षेत्र के विकास की तस्वीर अपने फेसबुक अकाउंट अपलोड करें. लाइक मिले तो ठीक नहीं तो कमेंट के माध्यम से इसकी वजह जानने की कोशिश करें और बोले न सच में दुर्गन्ध आती साक्षी महराज के मुंह से. 

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